भाई वाह! नोबेल हो तो ऐसा. दुनिया भर में अपने खुलासों से खलबली मचाने वाली wikileaks को world 's greatest honour Nobel Prize के लिए nominate किया गया है. मज़े की बात तो यह है क़ि wikileaks को ये award 'शांति' बोले तो PEACE के लिए दिया जा रहा है. मुझे तो ये खबर पढ़कर बड़ा मज़ा आया. क्यूँ? अरे भई इसलिए क़ि जाने कितने लोगों क़ि शांति भंग करके wikileaks इस सम्मान के योग्य बन पाई है. और तो और इसी nomination की बदौलत wikileaks के founder Julian Assange की मां का अपने बेटे के लिए प्यार फिर उमड़ा है. उनका कहना है क़ि जब उनके बेटे के कामों की दुनिया भर में प्रसंशा हो रही है तो फिर क्यूँ उसे परेशान किया जा रहा है.
सही है भई, बिलकुल सही है. काम तो उसने वाकई जबरदस्त किया है. कल मैं फिर BU की डेढ़ दशक पुरानी किताबों में से एक किताब लेकर बैठी. इस बार समाचार संकलन कला पढ़ रही थी. NEWS की एक definition पर नज़र गई. लिखा था क़ि जिसे कोई छुपाना चाहे वह समाचार है. तो भाई Julian Assange, आप इस कसौटी पर तो बिलकुल खरे उतरते हो. इसलिए आप ही इस युग के सच्चे पत्रकार हो जो बाकी पत्रकारों के कल्याण के लिए धरती पर अवतरित हुए हो. I wish क़ि nobel wikileaks के खाते में जाए. और कुछ नहीं तो कम से कम मुझे एक nobel prize winner का नाम तो ज़िन्दगी भर याद रहेगा.