Thursday, December 8, 2011

हिंदी में कोलावरी डी


प्यार में इंतकाम क्यूं है??
वो जो दूर चांद चमक रहा है
यूं तो उसकी चांदनी मतवाली है
लेकिन ये रात बड़ी ही काली है
जिस तरह वो गोरी हसीना काले दिल वाली है
उससे नजरें मिलीं तो जिंदगी वीरान हो गई
अब तो बस मैं हूं और शराब है
आंखों में आंसू बेहिसाब हैं
इससे अच्छा होता जो मैं रहता अकेला
तू आई तो बन गई जिंदगी झमेला
मेरी महबूबा तूने मेरा प्यार ठुकराया
तेरी मासूम आवाज पर आज भी मेरा दिल आया
मैं मर-मर कर जिंदा हूं
फिर भी तू खुश है?
प्यार में नाकाम दिल यही गाता है
हमारे हाथ में कुछ भी नहीं आता है
फिर क्यू्ं प्यार में इंतकाम है??

(created at 12:00 pm, 9 Dec 11)