Thursday, January 20, 2011

आज शाम


आज शाम सूरज दिखा
सुर्ख लाल
जाने किसने पानी उड़ेल दिया था उस पर
सुर्ख लाली उसके दायरे से फ़ैल कर बाहर जा रही थी
न जाने किस बादल की शरारत थी ये
वो जो खुद उस रंग में रंग गया था
या कोई और जो पानी गिराकर उड़ गया था
शरारत किसी की भी हो पर सूरज नाराज नहीं था
वो तो अपना रंग खोकर भी मुस्कुरा रहा था
आज शाम सूरज दिखा
सुर्ख लाल...